Wednesday, May 13, 2020

Galat Bhakti or Nastikta

वर्तमान की स्थिति छिपी नहीं है विश्व के जो नास्तिक देश है जिसमें चीन का नाम भी सबसे पहले आता है चीन के सारे लोग नास्तिक है उनके अंदर भगवान का डर बिल्कुल भी नहीं है वैसे तो भारत में भी लोग भक्ति करते हैं पर वह शास्त्र विरुद्ध करते हैं जिसका कोई मतलब नहीं है जिस प्रकार अगर नकली लाइसेंस होने से उसका कोई मतलब नहीं है उसी प्रकार गलत भक्ति से भी कोई मतलब नहीं है और समाज के नकली गुरु के भक्ति विधि से लोगों में नास्तिकता बढ़ती जा रही है लोग नास्तिकता की ओर अग्रसर हो रहे हैं क्योंकि उनको भक्ति सही मिली नहीं है जब तक शास्त्र अनुकूल भक्ति नहीं करेंगे तब तक तब तक भगवान उनका साथ नहीं देंगे उनको भगवान से जो लाभ मिलना चाहिए व गलत भक्ति से नहीं मिलेगा। वर्तमान समय में लोग  बाहरी आडंबर पर ज्यादा विश्वास करने लग गए जिससे   के कारण उनको ईश्वर से वह लाभ नहीं मिल पा रहा है जो एक सच्ची भक्ति करके मिलता है ।
 गलत भक्ति करने की वजह से देश में आज नास्तिकता बढ़ती जा रही है उनका विश्वास  ईश्वर से उठ रहा है क्योंकि वह जो भक्ति कर रहे हो गलत लगती है उनसे उनको वह लाभ नहीं मिल पाएगा जो प्राचीन समय में मीराबाई ध्रुव प्रहलाद  जैसे महापुरुष या फिर महान् भगत के सकते हैं उनको मिला था।
 गलत भक्ति और नास्तिकता के पीछे देखा जाए तो कहीं ना कहीं नकली धर्म गुरुओं का भी हाथ है क्योंकि वह मनमानी पूजा आचरण करवाते हैं लोगों से और  जिससे उनको कोई लाभ नहीं मिल पाता है इस कारण से लोगों का विश्वास ईश्वर से हटकर नास्तिकता की ओर बढ़ रहा है । जो देश के लिए बहुत बड़ा हानिकारक है क्योंकि चीन ने भी यही गलती की थी  वह पूरा नास्तिक हो चुका था जिस कारण से उन्हें यह नतीजा देखना पड़ा वहां पर लाखों लोगों की मृत्यु हो गई ।
सतभक्ति करने से पुर्ण लाभ
वेदों में प्रमाण है परमात्मा सतभक्ति करने वाले साधक के असाध्य रोग को खत्म करके 100 वर्ष की आयु प्रदान कर सकता है । यह चमत्कार वर्तमान में सतगुरु रामपाल जी महाराज द्वारा बताई सतभक्ति से दिन - प्रतिदिन हो रहे हैं ।
आजपूरे विश्व में सत्य भक्ति मार्ग केवल तत्वदर्शीसंत रामपाल जी महाराज जी केपास है । उनके द्वारा बताये सतभक्ति मार्गसे _आज लाखों परिवारसुखी जीवन जी रहे हैं ।सतभक्ति करने से मानव जीवन सफल हो जाता है। परिवार में किसी प्रकार की बुराई नहीं रहती। परमात्मा की कृपा सदा बनी रहती है।
सतगुरू (तत्वदर्शी सन्त) की शरण में जाकर दीक्षा लेने से सर्व पाप कर्मों के कष्ट दूर हो जाते हैं। फिर न प्रेत बनते, न गधा, न बैल बनते हैं। सत्यलोक की प्राप्ति होती है जहां केवल सुख है, दुःख नहीं है।

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