जन्माष्टमी का अर्थ
जन्माष्टमी श्रीकृष्ण के जन्म दिवस के उपलक्ष्य मनायी जाती है कहा जाता है की इस दिन कृष्ण जी ने मथुरा की जेल मे जन्म लिया था। इसलिए जन्माष्टमी मनाते है।
कृष्ण लीलाए
इंद्र पुजा निषेध
जब वृंदावन मे बारिश नही हो रही थी तो लोगो ने इंद्र की पुजा का आयोजन कीया तो उस समय स्वयं श्री कृष्ण ने इंद्र की पूजा भी छुडवाकर उस एक परमात्मा भक्ति करने के लिए प्रेरणा दी थी । जिस कारण उन्होंने गोवर्धन पर्वत को उठाकर इंद्र के कोप से ब्रजवासियों की रक्षा की । और वो एक परमात्मा कबीर परमेश्वर है जिनकी भक्ति करने से सर्व सुख की प्राप्ति होती है
पुर्ण परमात्मा के अनंत भुजाए
कबीर , चार भुजा के भजन में , भूलि परे सब संत । कबिरा सुमिरै तासु को , जाके भुजा अनंत ।
श्री कृष्ण जी चतुर्भुजी भगवान थे , तो वो परमात्मा कौन है जिसकी अनंत भुजाएं हैं?
वो अनंत भुजाओ वाला परमात्मा कबीर परमेश्वर जिसका कोई आदि न अंत है वह परमात्मा अविनाशी है उनकी जन्म मृत्यु नही होती है उनकी शरण मे जाने से मोक्ष संभव है
कृष्ण का मित्र सुधामा जब द्वारिका गया कृष्ण से मिलने तथा आर्थिक सुविधा मांगने गये तब वह साथ चावल लेकर गये । तो कृष्ण जी ने एक मुठी चावल के बदले सुदामा का महल बनाया और परमेश्वर कबीर साहिब ने एक रोटी के बदले तैमूरलंग को सात पीढी का राज दे दिया ।
No comments:
Post a Comment