Wednesday, May 6, 2020

नशा करता है नाश

नशा सर्वप्रथम तो इंसान को शैतान बनाता है। शरीर के चार महत्वपूर्ण अंग हैं फेफड़े, लीवर, गुर्दे, हृदय। शराब सबसे प्रथम इन चारों अंगों को खराब करती है। नशा करने वाले इंसान की बहुत दुर्गति होती है। उसका वर्तमान और भविष्य दोनों नरक होते हैं।
सौ नारी जारी करै , सुरापान सौ बार । 
एक चिलम हुक्का भरै , डूबै काली धार । ।
सौ स्त्रियों से भोग करे और सौ बार शराब पीऐ , उसे जो पाप लगता है , वह पाप एक चिलम भरकर हुक्का पीने वाले को देने वाले को लगता

शराब का सीधा संबंध कैंसर से 
नशीली चीजों का सेवन तो दूर रहा किसी को नशीली वस्तु लाकर भी नहीं देनी चाहिए । परमेश्वर कबीर साहेब जी ने सभी नशीली वस्तुओं को बहुत बुरा बताया है ।

नशा त्यागो और इंसान का जीवन जीओ 
शराब व अन्य विकारों में मानव जीवन को उलझाकर मानव को सतभक्ति से दूर रखना काल की सुनियोजित चाल है । भोली जनता काल कसाई की चाल में फंस रही है । शराबी व्यक्ति कभी शांति या मोक्ष प्राप्त नहीं कर सकता ।सतभक्ति से शराब छूट सकती है।

आज संत रामपाल जी महाराज जी से नाम उपदेश लेकर हज़ारों व्यक्ति शराब छोड़ चुके हैं और उनके परिवार में खुशहाली आई है।




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