Wednesday, July 15, 2020

Bollywood Kitna Thik h

क्या बॉलीवुड देखना अच्छी बात है

बॉलीवुड देखना अच्छी बात तब  है जब हम कोई ऐतिहासिक और पढ़ाई संबंधित  देख रहे है तो अच्छी बात है लेकिन अगर हम ऐसे फालतू चीजें देख रहे हैं तो हमारा समय व्यर्थ कर रहे हैं क्योंकि बॉलीवुड वाले सारे एक्टर वह तो पैसे कमा रहे वह तो उनका धंधा कर रहे हैं और हम अपना कीमती समय बर्बाद करके बॉलीवुड में जाया कर रहे कीमती समय भी बर्बाद हो रहा है इससे और हमारे पैसे भी बर्बाद हो रहे हैं 
इसलिए देखा जाए तो कहीं हद तक बॉलीवुड देखना अच्छी बात भी नहीं है क्योंकि आजकल बॉलीवुड में  अभद्र चीजे बताने लग गए हैं जो हम फैमिली के साथ में बैठ कर देखना भी पाप समझते हैं जिससे आज की युवा पीढ़ी मानसिकता बिगड़ रही है वह अपनी संस्कृति व सभ्य समाज को भूल रहे हैं और संस्कृति के खिलाफ जाकर वह कुछ भी कर बैठते हैं जिसमें उनके परिवार वह समाज को इसका खामियाजा भुगतना पड़ता है

Bollywood dekhna kitna thik h
बॉलीवुड 

आज की युवा पीढ़ी बॉलीवुड देखकर अपनी संस्कृति को भूल रहे हैं आजकल अपराध ज्यादा होने लग गए हैं और यह इसका कहीं ना कहीं देखा जाए तो खान इसका कारण बॉलीवुड ही है क्योंकि बॉलीवुड में कई ऐसी बातें बताते हैं जिसमें जिसमें ड्रेसिंग को लेकर या उनके रवैया को लेकर देखा जाए तो आज की युवा पीढ़ी उनकी कॉपी करती है और उनकी तरह दिखना पसंद करती है और उसमें का जिससे हमारी संस्कृति को भूल रहे हैं तो देखा जाए तो बॉलीवुड देखना अच्छी बात नहीं है इससे हमारा टाइम बर्बाद हो रहा है

बॉलीवुड 

मनुष्य जन्म का मूल उद्देश्य क्या है।
                 सत्संग की आधी घड़ी तप के वर्ष हजार 
                  तो भी बराबर है नहीं कहे कबीर विचार
हमें बॉलीवुड में समय बर्बाद नहीं करना चाहिए इससे अच्छा कि हम परमात्मा की सत्संग सुने जिससे हमें अच्छे संस्कार मिले तथा आने वाली पीढ़ियों को भी अच्छी बातें सिखे। क्योंकि बॉलीवुड में एक्टर  वह सब पैसे कमा रहे हैं और हम हमारा टाइम खराब कर रहे हैं क्योंकि मनुष्य जन्म हमें बहुत मुश्किल से मिलता है और हमें इसमें ऐसे टाइम खराब नहीं करना चाहिए।
संत रामपाल जी महाराज के विचार

कबीर परमेश्वर की वाणी भी है की
                  मनुष्य जन्म दुर्लभ है मिले ना बारंबार 
तरुवर से पता टूट गिरे बहुर ना लगता डार
मनुष्य जन्म बार-बार नहीं मिलता है अगर इस मनुष्य जन्म में परमात्मा की भक्ति नहीं करते हैं तो हमें फिर 8400000 योनियों में जाना पड़ेगा इसलिए हमें  पूर्ण परमात्मा की भक्ति करनी चाहिए ताकि हमारा मनुष्य जन्म सफल हो जाए और यह फिल्में वगैरह देखकर हमें इसमें टाइम जाया नहीं करना चाहिए

धरती को स्वर्ग बनाना है


तो हमें संत रामपाल जी महाराज से नाम उपदेश लेकर अपने मानव जीवन का कल्याण करवाना चाहिए क्योंकि यह मानव जीवन बार-बार नहीं मिलता है और हमारे मनुष्य जन्म को सफल बनाना चाहिए
 अधिक जानकारी के लिए पढ़े पुस्तक ज्ञान गंगा, जीने की राह गीता तेरा ज्ञान अमृत



Wednesday, July 8, 2020

Mobile Ke Fayde Or Nuksan

मोबाइल के फायदे

मोबाइल फोन वर्तमान युग की महती आवश्यकता बन चुका है| एक दशक पूर्व किसी को भान भी नही था कि ये इस तरह मानव के लिए रोजमर्रा की अनिवार्यता बन जायेगा| आज हर आयुवर्ग के हाथ में मोबाइल है| कितना आसान बना दिया है इसने सभी के जीवन को ! पुराने फोन की तरह मोबाइल का उपयोग सिर्फ आवाज सुनने तक ही सीमित नहीं है| इसके बहुमुखी उपयोग है| इसके द्वारा मेसेज का आदान-प्रदान , संगीत सुनना, खेल खेलना, गणना करना, अलार्म घड़ी व टार्च का उपयोग करना जैसे असंख्य उपयोग शामिल है| ये समय बिताने का सर्वोत्तम साधन है| इसे कभी भी कहीं भी ले जाया जा सकता है|

Mobile ka upyog
मोबाइल का दुरूपयोग

वर्तमान के प्रतिस्पर्धात्मक युग में  विभिन्न कम्पनियां आकर्षक लुभावने प्रस्तावों द्वारा इसका खूब प्रचार-प्रसार कर रही है मोबाइल प्रत्येक वर्ग का साथी बन चुका है| व्यापारीवर्ग, कृषि जगत, अन्य उद्यमों के लिए वरदान सरीखा होने के साथ ही  विद्यार्थी वर्ग के लिए भी यह सहयोगी की भूमिका निभा रहा है| इंटरनेट के प्रयोग से ज्ञान का अथाह सागर एक क्लिक पर उपलब्ध है| इससे बड़ा उदहारण क्या होगा कि आजकल डिक्शनरी सिर्फ अलमारी में सिमट गई है| नए विद्यार्थी तो जानकर आश्चर्य करेंगे कि पूर्व पीढ़ी के विद्यार्थी गणित की गणना कागज पेन पर करते थे, कठिन शब्दों के अर्थ शब्दकोश में देखते थे और नोट्स बनाने के लिए पुस्तकालय से अतिरिक्त पुस्तके लेते थे|इ –लर्निंग ने ज्ञान व रोजगार के नये माध्यम खोल दिए है| कोई भी कहीं से भी कभी भी किसी से सम्पर्क साध कर उचित पारिश्रमिक देकर ज्ञानार्जन कर सकता है|

मोबाइल की लत


मोबाइल के नुकसान
जिस तरह मोबाइल के अनेक फायदे हैं उसी तरह इसके असीमित व अनियंत्रित प्रयोग के भयावह नुकसान भी है| वर्तमान में माता-पिता दोनों की अति व्यस्तता बच्चो में मोबाइल की लत विकसित कर रही है| न केवल उनके शारीरिक स्वास्थ्य व समय को चोपट कर रही है वरन उनके बाल मस्तिष्क को विकृत कर रही है| इंटरनेट के द्वारा मोबाइल पर अश्लील वीडियोज आसानी से उपलब्ध है जो किशोरों को समय से पूर्व प्रतिबंधित दृश्य दिखाकर पथभ्रष्ट करने के लिए पर्याप्त है| अखबारों में नित्य ऐसी घटनाएँ पढने को मिलती है जो अविश्वसनीय लगती है | बाल अपराधो में आश्चर्यजनक रूप में वृद्धि हुई है| ऐसे दृश्य तेजी से मस्तिष्क को प्रभावित करते है| अवचेतन मन पर अंकित होकर बच्चोंको अपराध करने की दुष्प्रेरणा देते है| विद्यार्थी विभिन्न प्रकार के खेल और व्यायाम को भूलते जा रहे है| इससे शारीरिक स्वास्थ्य का स्तर गिरता जा रहा है और नवीन बीमारियाँ जन्म ले रही है| मोबाइल ने बच्चो में एकाकी पृवत्ति को बढ़ावा दिया है| सामाजिक सम्बन्ध पहले की तरह मधुर नहीं रहे| अपनी उम्र गलत बताकर फेसबुक पर अकाउंट बनाना विद्यार्थियों के लिए आम बात है| वे वहा पर दोस्ती के नये मायने सीख रहे है जो हमारी संस्कृति के दृष्टिकोण से कतई उचित नहीं है|
मोबाइल की लत

संत रामपाल जी महाराज के विचार
वास्तव में सही फोन का उपयोग है कि हम हम परमात्मा की चर्चा करें पुर्ण परमात्मा की सुने सत्संग सुने जिससे हमारा दिमाग मे फिजुल की बाते नही  आये।
और अधिक जानकारी के लिए देखे श्याम 7:30 से 8:30pm साधना टीवी पर
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Wednesday, July 1, 2020

Environmental benefits

Importance of environment in our life.
Environment is very important in our life.  Man cannot live without it even for a moment.  These green trees and plants are an integral part of our life. Without nature human life cannot be imagined.  Water, land, air, fire, sky are the life of man only by these five elements, and at the end of life, he merges into them.

environment benifit
 Environment

Relations in human and environment.
Whether humans or other living beings are the product of the environment, their origin, development, present form and future existence are all dependent on the condition of the environment.  Some scholars use Milieu for the environment and some scholars use the term Habitat.  In the same way, natural and social scientists use the 'natural environment' and geographers also use the geographical environment, but according to the more popular and accepted opinion, the nature of the environment is basically natural, that is, by the influence and use of natural elements.  Economic, social, cultural environment is born and from that they are controlled and circulated.  Therefore, in the present study, it would be appropriate to consider the natural environment as the basis, in which the human being acts as a factor along with many elements.

Relations in human and environment.

Ministry of Environment and Forest
 The Ministry of Environment and Forest (MoEF) is a nodal agency in the administrative machinery of the Central Government to plan, promote, and coordinate the implementation of environment and forest related programs in the country.  The main activities of the work done by this ministry include conservation and survey of flora and fauna of India, survey and conservation of forests and rugged areas, pollution control and prevention, promotion of afforestation and reducing land degradation.  It is also responsible for the administration of National Parks in India.  The main tools used for this are survey, assessment of environmental impacts, pollution control, reproduction programs, support of organizations, research to find solutions and training to work the necessary manpower, collection and distribution of environmental information and all of the country's population.  To spread environmental awareness in parts.  The ministry is also the nodal agency for the United Nations Environment Program (UNEP).

Pure environment.



Dipawali kitni shi h

दीपावली क्यों मनाई जाती हे कहां जाता है कि इस दिन श्रीराम 14 वर्ष वनवास भोग कर अयोध्या लौटे थे इस खुशी में दीपावली मनाई जाती है। अय...